भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के चेयरमैन, डॉ. समीर वी. कामत ने देश के रणनीतिक हथियार कार्यक्रम पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
उन्होंने कहा है कि भारत ऐसी हाइपरसोनिक मिसाइलें विकसित कर रहा है, जिन्हें उनकी अत्यधिक तेज़ गति के कारण रोकना लगभग नामुमकिन होगा।
ये मिसाइलें भारत को दुश्मन पर जवाबी हमला करने की अचूक क्षमता प्रदान करेंगी।
क्यों खास हैं ये मिसाइलें?
डॉ. कामत के अनुसार, हाइपरसोनिक मिसाइलें ध्वनि की गति से पाँच गुना से भी ज़्यादा (मैक 5) रफ़्तार से चलती हैं। अपनी इसी अविश्वसनीय गति के कारण ये दुनिया के सबसे उन्नत मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम को भी भेद सकती हैं।उन्होंने साफ़ तौर पर कहा, "हाइपरसोनिक हथियार हमें सुनिश्चित जवाबी कार्रवाई की क्षमता देंगे, क्योंकि उनकी हाई मैक स्पीड के कारण उन्हें इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता, भले ही दूसरी तरफ़ दुनिया का सबसे बेहतरीन हवाई डिफ़ेंस कवरेज और मिसाइलें क्यों न हों।"
इस क्षमता का सीधा मतलब है कि अगर कोई दुश्मन देश भारत पर पहला हमला करता है, तो भी भारत उस हमले को झेलकर जवाबी कार्रवाई करने और उसे भारी नुक़सान पहुँचाने की ताक़त रखेगा। सैन्य भाषा में इसी को 'एश्योर्ड सेकंड-स्ट्राइक कैपेबिलिटी' यानी दूसरे हमले की सुनिश्चित क्षमता कहा जाता है। यह क्षमता किसी भी देश को भारत पर हमला करने से रोकेगी।
दो तरह की हाइपरसोनिक मिसाइलों पर चल रहा है काम
DRDO प्रमुख ने पुष्टि की कि संगठन दो अलग-अलग तरह के हाइपरसोनिक हथियारों पर तेज़ी से काम कर रहा है:- हाइपरसोनिक ग्लाइड मिसाइल (HGV): इन मिसाइलों को पहले एक बैलिस्टिक मिसाइल के ऊपर रखकर अंतरिक्ष के क़रीब छोड़ा जाता है। इसके बाद, ये बिना इंजन के धरती के वायुमंडल में तेज़ गति से तैरते (ग्लाइड करते) हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं। ये उड़ान के दौरान अपना रास्ता बदल सकती हैं, जिससे दुश्मन के रडार को इन्हें ट्रैक करना और नष्ट करना बेहद मुश्किल हो जाता है। DRDO का लक्ष्य इन मिसाइलों को अगले 2 से 3 सालों में तैयार करना है।
- हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (HCM): ये मिसाइलें अपने स्क्रैमजेट जैसे उन्नत इंजन की मदद से पूरी उड़ान के दौरान हाइपरसोनिक गति बनाए रखती हैं। ये वायुमंडल में कम ऊँचाई पर उड़ती हैं, जिससे इन्हें डिटेक्ट करना और भी कठिन हो जाता है। DRDO ने इन्हें विकसित करने के लिए 5 साल का लक्ष्य रखा है।
भारत ने हाल के वर्षों में अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) का सफल परीक्षण करके इस दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है।